बुखार : कुछ
विशेष जानकारियां
हर प्रकार के
बुखार में :-
१. प्लेटलेट घटते
हैं .
२. मुंह का स्वाद कड़वा हो जाता है .
३. भूख बंद हो जाती
है .
४. शरीर में दर्द
होने लगता है .
५. चक्कर आने लगता
है .
६. उल्टी हो सकती है .
ऐसा इसलिए होता है
कि शरीर की सारी शक्ति बुखार के कारण से लड़ने में लगी होती है . शरीर के अंदर बैठा
महान डाक्टर जनता है कि खाना पचाने में लगाने के लिए शक्ति नहीं बची है तो वो भूख
बंद कर देता है . स्वाद को कड़वा कर देता है ताकि आप खा ही न पायें . दर्द इसलिए कि
आप चल ना पायें . चक्कर इसलिए कि आप आराम करते रहें .
शरीर में सबसे अधिक
शक्ति खाना पचाने में लगती है . बुखार के समय शक्ति की कमी हो जाती है , अत: प्रोटीन ,फैट , कार्बोहाइड्रेट
आदी खाना कर देना चाहिए .
प्राकृतिक चिकित्सा
के अनुसार बुखार में :-
१. नारियल पानी
पियें .
२. सब्जियों का सूप
लें .
३. अधिक रसेदार
सब्जी खाएं .
४. फल खाएं .
५. फल का जूस पियें .
६. प्लेटलेट बढ़ाने
के लिए पपीते के पत्ते का रस , बकरी
का दूध , गिलोय के पत्ते का रस ,
गिलोय की डंडी का रस / काढ़ा , एलोवेरा का रस आदी देते रहें .
७. चार दिन आराम
करें .
८. १०१ डिग्री से
ऊपर बुखार होने पर सिर , गले ,
दोनों बाहों , पिंडलियों पर पानी की पट्टी बांधे रहें .
ये सब चीजें आसानी
से पच जाती हैं . पचाने में शरीर को काम शक्ति लगनी पड़ती है . बुखार जल्दी से ठीक
हो जाता है . प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार बुखार स्वास्थ्य सुधार की एक आंतरिक
क्रिया है .
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